एकला चलो रे (original)
यदि कोई साथ न दे, ओ री ओ अभागे,
यदि सब मुंह फेर लें, सबको हो डर का साया –
तब तू अपना दिल खोलकर,
अपने मन की बातें खुद ही बोल,
एकला चलो रे।
यदि सब लौट जाएं पीछे, ओ री ओ अभागे,
यदि घने रास्तों पर चलने को कोई न चाहे –
तब तू कांटो भरे पथ पर,
रक्तरंजित पाँवों से, अकेला बढ़,
एकला चलो रे।
यदि कोई दीप न जलाए, ओ री ओ अभागे,
यदि तूफानों और अंधेरी रातों में सब द्वार बंद हो जाएं –
तब तू अपने हृदय की ज्वाला से,
अपना ही दीपक जलाकर,
एकला चलो रे।
यह रहा संशोधित रूप:
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चलो साथ चलें - समाज के लिए
अगर कोई चुप रहे, ओ री ओ साथी,
तो तू मुस्कान बिखेर, हौसला बन, आवाज़ दे –
दिल से पुकार कर सबको,
आओ मिलकर नयी राह बनाएं,
चलो साथ चलें रे।
अगर कोई राह से डिगे, ओ री ओ साथी,
अगर कोई थक कर बैठ जाए अंधेरी राहों में –
तो तू उम्मीद का दीप बन,
हाथ थाम उन्हें फिर से उठाए,
चलो साथ चलें रे।
अगर कोई द्वार बंद मिले, ओ री ओ साथी,
अगर आंधी-तूफान में डर से सब छुप जाएं –
तो तू बन जा प्रकाश का स्रोत,
सबके दिलों में उजाला फैलाए,
चलो साथ चलें रे।
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आओ साथ चलें - नव निर्माण के लिए
यदि कोई झिझके बोलने से, ओ प्यारे पथिक,
तो तू बन आवाज़ उनकी,
सपनों को शब्द दे, दिलों को उजास दे,
आओ साथ चलें, समाज संवारें।
यदि कोई ठिठक जाए डर से, ओ आशा के दीप,
तो तू बढ़ा अपना हाथ,
संकल्पों की मशाल ले, अंधेरों को चीर दे,
आओ साथ चलें, नई राह बनाएं।
यदि कोई थक कर बैठ जाए, ओ साहसी राही,
तो तू बन उनका संबल,
हिम्मत की किरण बन, थमे हुए कदमों को फिर से चलाए,
आओ साथ चलें, नव संसार रचाएं।
यदि राह में तूफान आएं, ओ प्रेरणा के दीपक,
तो तू बन जा अग्नि-ज्योति,
अपने विश्वास से हर डर को जलाए,
आओ साथ चलें, नया सवेरा लाएं।
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कविता को एक गीतात्मक रूप -
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चलो साथियों, चलो
चलो साथियों, चलो, सपनों का दीप जलाएं,
चलो साथियों, चलो, नवजीवन राह बनाएं।
जो डर से चुप है बैठे,
उनके मन में गीत भरें,
जो थक कर रुक गए राह में,
उनके कदमों में तेज भरें।
चलो साथियों, चलो, उजियारा फैलाएं,
चलो साथियों, चलो, नवजीवन राह बनाएं।
जहाँ घिर आए हों बादल,
वहाँ उम्मीदों के रंग भरें,
जहाँ भी टूटी हों साँसें,
वहाँ विश्वास की गूंज करें।
चलो साथियों, चलो, धड़कन में आग लगाएं,
चलो साथियों, चलो, नवजीवन राह बनाएं।
जो द्वार बंद हों अंधेरों में,
वो हम खुद रोशन कर दें,
जो हाथ काँपते हों डर से,
उन्हें थाम लें, हिम्मत भर दें।
चलो साथियों, चलो, मिलकर दुनिया सजाएं,
चलो साथियों, चलो, नवजीवन राह बनाएं।
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