धार्मिक राष्ट्रवाद पाकिस्तान, साउदी अरब , जर्मनी, Israel, तुर्की , ईरान तक सदियों से मार काट और धर्म पर आधारित ज़बरन पलायन का आधार रहा है।
केवल भारत ही एक ऐसा देश है , जो सदियों से धर्म निरपेक्ष रहा और यहाँ विभिन्न धर्म सम्प्रदाय जन्मे और पनपे। वही हिंदू बहुसंख्यक आज धार्मिक उन्माद में आकर भारत को दूसरा पाकिस्तान बनाने को आमादा हैं। राजनीतिक पार्टियाँ आज वैचारिक स्वतंत्रता का आधार लेकर धर्म और जाति पर आधारित राजनीति करके समाज और देश को तोड़ने में लगी हैं । वहीं आम आदमी जटिल परिभाषाओं में उलझकर आसानी से इनके चंगुल में आ जाता है । असहिषणता, अत्याचार , वाद विवाद और आपसी मतभेद इस हद तक बढ़ गए की आज एक इंसान का दूसरे पर भरोसा ही छूट गया है।
केवल भारत ही एक ऐसा देश है , जो सदियों से धर्म निरपेक्ष रहा और यहाँ विभिन्न धर्म सम्प्रदाय जन्मे और पनपे। वही हिंदू बहुसंख्यक आज धार्मिक उन्माद में आकर भारत को दूसरा पाकिस्तान बनाने को आमादा हैं। राजनीतिक पार्टियाँ आज वैचारिक स्वतंत्रता का आधार लेकर धर्म और जाति पर आधारित राजनीति करके समाज और देश को तोड़ने में लगी हैं । वहीं आम आदमी जटिल परिभाषाओं में उलझकर आसानी से इनके चंगुल में आ जाता है । असहिषणता, अत्याचार , वाद विवाद और आपसी मतभेद इस हद तक बढ़ गए की आज एक इंसान का दूसरे पर भरोसा ही छूट गया है।
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