Sunday, August 6, 2017

वैदिक काल से आधुनिक काल तक धर्म का बदलता स्वरूप और पुनरोत्थान:

वैदिक काल से आधुनिक काल तक धर्म का बदलता स्वरूप और पुनरोत्थान:
3000 bc to 700 ad, yagya , karma kand, तंत्र, मंत्र: वैदिक काल तक जैन, बुद्ध, शैव, देवी, गणेश, विष्णु उपासक
800 -1700 ad bhakti yuga, jap tap :शंकराचार्य आदि जगद्गुरु , गुरु गोरखनाथ, स्वामी रामानंद, कबीर मध्ययुगीन भक्ति काल और भगवान कृष्ण और भगवान राम के भक्तों की भक्तमाल - स्वामी रामानंद के 12 शिष्य, गुरु ग्रंथ साहिब के 10 गुरु सिख, रामानंदी अखाड़ा, सम्प्रदाय 
1800 puja path : आर्य समाज, ब्रम्हसमाज, से लेकर रामकृष्ण परमहंस तक 
1900 - present, यंत्र , IT, टेक्नोलॉजी युग. Meditation: yoga masters 
आधुनिक युग मे यूरोप में पुनर्जागरण और क्रांति के फलस्वरूप अप्रत्याशित भौतिक प्रगति हुई और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और बाजार का विस्तार हुआ। नए व्यापार केंद्र समुद्री बंदरगाहों, ports पर स्थापित हुए - शंघाई, सिंगापुर,कलकत्ता, चेन्नई, मुम्बई से लेकर दुबई, jeddah, न्यूयॉर्क, सैनफ्रांसिस्को तक । बड़ी बड़ी कंपनियों, कारखानों में काम करने वाले नए service class का जन्म हुआ। इन सबके परिणामस्वरूप इस भौतिकवादी आधुनिक युग मे मनुष्य के सामने नई चुनौतियां सामने आईं - शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनो स्तरों पर, यहां तक कि मनुष्य और सभ्यता का अस्तित्व ही खतरे में लगने लगा। आध्यात्मिक स्तर पर संदेह, भ्रम, अविश्वास और वासनाएं यहां तक बढ़ी कि लोग थोड़ी भी शांति और शुकून , यहां तक कि क्षणिक entertainment के लिए भी तरस गए। स्वाभाविक रूप से कुछ ऐसे धंधे पैदा हुए जो मनुष्य को इन कष्टों, पीड़ाओं से निजात दिला सकें। योगा, हेल्थ रिट्रीट उनमें से ऐसा ही एक पनपता व्यवसाय है। बड़े बड़े होटल में योगा,मेडिटेशन, मसाज / रिलैक्सेशन थेरेपी हो रही है।
इन्ही सबके बीच कुछ सम्प्रदाय प्राचीन युगीन yagna परंपरा को संजोकर रखें हुए हैं (गायत्री परिवार), कुछ सम्प्रदाय भक्ति परंपरा को संजोए हैं, तो कुछ पूजा, उपासना पद्धति को। इन सभी संप्रदायों को अपने अपने अस्तित्व का डर है और उसको बचाये रखने का आग्रह है। 
महत्वपूर्ण बात यह है, कि आपसी मतभेद, असहिष्णुता, अविश्वास अपनी चरम सीमा पर है। ऐसे महापुरुष का अवतरण कब होगा जो विश्व को इस विकट स्थिति से निकाल कर एक मानवता के सूत्र में पुनः बांध पाए!

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