भारत में पीढ़ीगत राजनीति, सभ्यता परिवर्तन, और 2014 से आज तक वोटिंग पैटर्न: Trump नीतियों व राहुल गांधी के आरोपों के प्रभाव में
प्रस्तावना
राजनीति कोई स्थिर घटना नहीं, बल्कि समय, सभ्यता और पीढ़ियों के निरंतर परिवर्तन से प्रभावित होती एक जीवंत प्रक्रिया है। Neil Howe और William Strauss की पीढ़ी सिद्धांत और सभ्यता परिवर्तन के सिद्धांत हमें समझाते हैं कि कैसे विभिन्न पीढ़ियां अपने सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभव के आधार पर राजनीतिक विचारधारा और वोटिंग पैटर्न में अंतर लाती हैं।
भारत की राजनीतिक यात्रा, विशेषकर 2014 से 2023 के चुनावों के दौरान, इन सिद्धांतों को बड़े पैमाने पर परिलक्षित करती है। 2023 के बाद के राजनीतिक परिवर्तनों में विश्व के बड़े प्रभाव, जैसे Trump की नीतियां और भारत में राहुल गांधी द्वारा चुनाव धोखाधड़ी के आरोपों का सार्वजनिक होना, ने इन सामाजिक-सांस्कृतिक पैटर्नों को और गहरा असर दिया है।
1. पीढ़ी सिद्धांत और सभ्यता परिवर्तन का राजनीतिक प्रभाव
पीढ़ी सिद्धांत (Neil Howe & William Strauss)
- Idealist (1940-1960): गांधीवादी, नैतिक राजनीति, सहिष्णुता पर जोर।
- Reactive (1960-1980): सामाजिक न्याय, वामपंथी विचारधारा, परिवर्तनकारी।
- Civic (1980-2000): राष्ट्रवाद, विकास, संस्थागत स्थिरता।
- Adaptive (2000 के बाद): डिजिटल, उदारवादी, मुद्दा-आधारित सक्रिय मतदाता।
सभ्यता परिवर्तन सिद्धांत
- 1950-90: राष्ट्र निर्माण, समाजवादी सोच, कांग्रेस का प्रभुत्व।
- 1991-2010: आर्थिक उदारीकरण, वैश्वीकरण, मध्य वर्ग का उदय।
- 2014-2023: राष्ट्रवादी पुनरुत्थान, BJP का उदय, डिजिटल युग।
- 2023 के बाद: सामाजिक तनाव, वैश्विक प्रभावों का प्रवेश, राजनीतिक ध्रुवीकरण।
2. 2014-2023 तक राजनीतिक और वोटिंग पैटर्न का बदलाव
पीढ़ी | 2014 BJP समर्थन (%) | 2014 कांग्रेस समर्थन (%) | 2023 BJP समर्थन (%) | 2023 कांग्रेस समर्थन (%) | मुख्य बदलाव और कारण |
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Idealist | 45-50% | 45-50% | 40-45% | 45-50% | बुजुर्गों में कांग्रेस मजबूत, BJP को कुछ असंतोष। |
Reactive | 35-40% | 45-50% | 30-35% | 40-45% | सामाजिक न्याय मुद्दों पर कांग्रेस का समर्थन, मगर BJP की विकास छवि प्रभावी। |
Civic | 55-60% | 25-30% | 50-55% | 20-25% | राष्ट्रवाद और विकास को लेकर BJP का दबदबा। |
Adaptive | 45-50% | 25-30% | 40-45% | 20-25% | डिजिटल युवा वोटर विभाजित, मुद्दा-आधारित राजनीति बढ़ी। |
3. 2023 के बाद के राजनीतिक बदलाव: Trump नीतियां और राहुल गांधी के आरोप
Trump नीतियों का प्रभाव (वैश्विक संदर्भ में)
- विश्व राजनीति में Trump's "America First" जैसी नीतियों ने राष्ट्रवाद, संरक्षणवाद, और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दिया।
- भारत में भी BJP के राष्ट्रवादी एजेंडे को इन वैश्विक नीतियों से प्रेरणा मिली, जिसने Civic और Idealist वर्ग को जोड़ने में मदद की, लेकिन साथ ही सामाजिक ध्रुवीकरण भी गहरा किया।
- Adaptive युवा वर्ग, जो डिजिटल माध्यमों से विश्व के राजनीतिक ट्रेंड्स से जुड़ा है, Trump जैसे विभाजनकारी एजेंडे से प्रभावित होकर असंतोष जता रहा है, जिससे वोटिंग पैटर्न में अस्थिरता बढ़ी।
राहुल गांधी के चुनाव धोखाधड़ी के आरोपों का प्रभाव
- राहुल गांधी द्वारा चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों ने कांग्रेस की छवि को आघात पहुंचाया, खासकर Idealist और Reactive वर्गों में।
- इन आरोपों ने कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक को कुछ हद तक विचलित किया और पार्टी की नैतिक छवि पर प्रश्न चिन्ह लगाया।
- इससे BJP को अवसर मिला कि वह खुद को भ्रष्टाचार विरोधी और मजबूत नेतृत्व वाली पार्टी के रूप में प्रस्तुत करे।
- लेकिन Adaptive वर्ग और युवा मतदाताओं में यह आरोप बीजेपी के अत्यधिक राजनीतिकरण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के आरोपों से टकरा रहे हैं, जिससे मतदाता विभाजन और बढ़ रहा है।
4. राजनीतिक विश्लेषकों की राय
-
प्रणय रॉय:
"2014-2019 तक BJP ने Civic और Idealist पीढ़ी को जोड़कर मजबूत जनादेश हासिल किया। 2023 के बाद Trump's प्रभाव से BJP के राष्ट्रवादी एजेंडे को बल मिला, लेकिन राहुल गांधी के आरोपों ने कांग्रेस के वोट बैंक को और कमज़ोर किया।" -
रवि भटनागर:
"Adaptive पीढ़ी अब मुद्दा-आधारित और वैकल्पिक पार्टियों की ओर बढ़ रही है। राहुल गांधी के आरोपों ने कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ाई है, खासकर युवाओं के बीच विश्वास बनाए रखने में।" -
नील ओल्सन:
"सभ्यता परिवर्तन के इस दौर में, राजनीतिक दलों को हर पीढ़ी की सामाजिक-सांस्कृतिक प्राथमिकताओं को समझकर अपनी रणनीतियाँ बनानी होंगी, अन्यथा वे वोट बैंक खो देंगे।"
5. निष्कर्ष: समेकित दृष्टिकोण
- 2014 से 2023 तक BJP ने Civic और Idealist पीढ़ी को जोड़कर भारी जनादेश पाया, जबकि कांग्रेस मुख्यतः Idealist और Reactive वर्ग तक सीमित रही।
- 2023 के बाद वैश्विक राष्ट्रवादी ट्रेंड (Trump नीतियों) और भारत में राहुल गांधी के चुनावी आरोपों ने दोनों मुख्य दलों के वोटिंग पैटर्न को चुनौती दी है।
- Adaptive युवा वर्ग में अस्थिरता और वैकल्पिक दलों की पकड़ बढ़ी है, जो भविष्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
- सभ्यता परिवर्तन के सिद्धांत के अनुसार, राजनीतिक दलों को अपने एजेंडे में समावेशिता, नवाचार और संवाद को प्राथमिकता देनी होगी ताकि वे हर पीढ़ी के मतदाता को जोड़ सकें।
संदर्भ लिंक
- CSDS Lokniti Election Studies
- Prannoy Roy NDTV Political Analysis
- The Print - Ravi Bhavnagar Articles
- Scroll.in – Youth and Politics
- India Today Election Analysis
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