**ब्लॉग पोस्ट: आधुनिक राजनीति और गृह दशा - राम राज्य की राह में बाधाएं**
आज के युग में, जब हम आधुनिक राजनीति और सामाजिक परिवेश की बात करते हैं, तो प्राचीन कथाओं और उनके प्रतीकों से प्रेरणा लेना स्वाभाविक हो जाता है। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य हमें न केवल नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि आज के संदर्भ में भी गहरे सबक देते हैं। हाल ही में मेरे परिवार की एक बातचीत ने मुझे इस दिशा में सोचने पर मजबूर किया। मेरी माँ, जिन्हें मैं "इंदु बुआ" कहता हूँ, ने एक गंभीर मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की। उनकी बातों में एक गहरी पीड़ा थी, जो आज के सामाजिक और राजनीतिक माहौल से जुड़ी थी। उनकी चिंता थी कि कैसे लोग सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक जैसे मंचों पर, भ्रामक प्रचार (प्रोपगैंडा) फैलाकर समाज में दरार डाल रहे हैं। उनकी बातों ने मुझे रामायण की एक घटना की याद दिला दी - मंथरा की कुबड़ी बुद्धि, जिसने राम राज्य की स्थापना में बाधा डालने की कोशिश की थी।
### राम राज्य का सपना और आधुनिक बाधाएं
रामायण में राम राज्य एक आदर्श शासन का प्रतीक है, जहां न्याय, समानता और धर्म का पालन होता है। लेकिन आज के भारत में, जब हम एक सशक्त और एकजुट राष्ट्र की कल्पना करते हैं, तो कई "मंथरा" जैसी ताकतें इस राह में रोड़े अटकाती हैं। मेरी माँ ने अपनी बातचीत में कहा, "मैं रिश्तों को संभालने के लिए प्रतिबद्ध हूँ, लेकिन दूसरों को मेरे साथ रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।" यह वाक्य आज के राजनीतिक परिदृश्य पर भी लागू होता है। हम एक समाज के रूप में एकजुट रहना चाहते हैं, लेकिन कुछ ताकतें - चाहे वह विघटनकारी राजनीतिक विचारधाराएं हों या सोशल मीडिया पर फैलाया जाने वाला प्रोपगैंडा - हमें बांटने का काम करती हैं।
आज की "मंथरा" वे लोग या समूह हैं जो अपनी स्वार्थपूर्ण मंशा से समाज में वैमनस्य फैलाते हैं। मेरी माँ ने फेसबुक पर प्रोपगैंडा फैलाने वालों को चेतावनी दी और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे उन्हें ब्लॉक कर देंगी। यह एक छोटा सा कदम लग सकता है, लेकिन यह दर्शाता है कि हमें अपने आसपास की नकारात्मकता को खत्म करने के लिए सक्रिय रहना होगा। ठीक वैसे ही, जैसे शत्रुघ्न ने रामायण में मंथरा की कुबड़ी बुद्धि को सीधा करने का प्रयास किया था, हमें भी आज उन ताकतों का सामना करना होगा जो राम राज्य की स्थापना में खलल डाल रही हैं।
### नासपीटी और राहू दशा: आधुनिक संदर्भ
मेरे एक परिचित ने हाल ही में कहा, "नासपीटी, राहू दशा बनकर तूने राम राज्य की स्थापना में खलल डाली, तेरी मंथरा कुबड़ी बुद्धि को तो शत्रुघ्न अभी सीधा कर देगा।" यह पंक्ति ज्योतिषीय और प्रतीकात्मक दोनों अर्थों में गहरी है। ज्योतिष में राहू को छाया ग्रह माना जाता है, जो भ्रम, छल और विघटन का प्रतीक है। आज की राजनीति में राहू दशा उन ताकतों का प्रतीक है जो भ्रष्टाचार, प्रोपगैंडा और सामाजिक अशांति के जरिए समाज को अस्थिर करने की कोशिश करती हैं। "नासपीटी" (संभवतः एक काल्पनिक नाम या संक्षिप्त रूप) उन नेताओं या समूहों का प्रतीक हो सकता है जो अपनी सत्ता और प्रभाव के लिए समाज को तोड़ने का काम करते हैं।
लेकिन जैसा कि मेरे परिचित ने कहा, "प्रभु राम कोई लल्लू राम नहीं।" यह विश्वास आज भी हमारे समाज में मौजूद है कि सत्य और धर्म की जीत होगी। राम राज्य की स्थापना में भले ही बाधाएं हों, लेकिन शत्रुघ्न जैसे योद्धा - जो आज के संदर्भ में जागरूक नागरिक, निष्पक्ष मीडिया और सच्चे नेता हो सकते हैं - इन बाधाओं को दूर करने में सक्षम हैं।
### महाभारत की मंशा और राम राज्य की जीत
रामायण और महाभारत दोनों में एक बड़ा अंतर है। जहां रामायण एक आदर्श शासन की स्थापना की कहानी है, वहीं महाभारत युद्ध और विनाश की कहानी है। आज कुछ ताकतें ऐसी हैं जो "महाभारत" कराने की मंशा रखती हैं - यानी समाज में इतना वैमनस्य फैलाना कि हम आपस में ही लड़ने लगें। लेकिन हमें यह समझना होगा कि हमारा लक्ष्य महाभारत नहीं, बल्कि राम राज्य है। मेरी माँ की तरह, जो अपने स्तर पर प्रोपगैंडा को रोकने की कोशिश कर रही हैं, हमें भी अपने स्तर पर जागरूकता फैलानी होगी।
### निष्कर्ष: एकजुटता की राह
आज हमें अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को एकजुट रखने के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे। मेरी माँ ने कहा, "तो ये शुरुआत है, रहू दशा अपने पीक पे है, ये बहुत भयं, उथल, आपसी मतभेद करायेगी।" यह सच है कि आज का समय चुनौतीपूर्ण है। लेकिन अगर हम जागरूक रहें, प्रोपगैंडा को पहचानें और उसे रोकने के लिए कदम उठाएं, तो हम इस राहू दशा को पार कर सकते हैं। राम राज्य का सपना तब तक अधूरा रहेगा, जब तक हम मंथरा जैसी कुबड़ी बुद्धि को सीधा नहीं करते। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे समाज की नींव रखें, जहां प्रभु राम का आदर्श शासन साकार हो सके।
**आपके विचार?** क्या आप भी अपने आसपास ऐसी "मंथरा" ताकतों को देखते हैं? हमें कमेंट में बताएं।
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Sunday, May 4, 2025
आधुनिक राजनीति और गृह दशा - राम राज्य की राह में बाधाएं
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